Tuesday, April 30, 2024

अवैध शराब का काला कारोबार बदस्तूर जारी : पुलिस व आबकारी समेत कलेक्टर भी लाचार, नयापुरा से मदिरा जप्त करना अच्छी शुरुआत पर लोग बोले रश्म अदायगी के साथ इतिश्री।

स्थानीय संवाददाता
मंडीदीप | शहर व निकटवर्ती इलाकों में अवैध शराब का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात यह हैं कि अवैध शराब बिक्री की गोपनीय सूचना पर भी जिम्मेदारों की चुप्पी शराब माफियाओं के लिए बूस्टर का काम करती है। यही वजह है कि वर्तमान शराब ठेकेदार व अन्य शराब माफिया बेधड़क अवैध शराब का बिक्रय कर शिवराज के मंसूबों को पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि चाय,पान,नाश्ते की दुकानों की आड़ में अवैध रूप से खुलेआम शराब बेचने में इन माफियाओं ने महारथ हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं झोपड़ियों व घरों समेत अन्य ठिकानों से भी शराब का जहर शहर में खुलेआम परोसा जा रहा है। यही वजह है कि क्षेत्र में लगातार हो रही अवैध शराब की बिक्री को लेकर जिला प्रशासन, आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन पर सदैव उदासीनता, अनदेखी व मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं।

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यह हाल तब हैं जब सीएम शिवराज ने जिला कलेक्टरों को नई शराब नीति के संबंध में बैठक के दौरान इसे पूर्णतया पालन कराने के निर्देश देते हुए प्रदेश में अहातों को बंद करने के पीछे शराबखोरी पर लगाम लगाने की मंशा जाहिर की थी। बावजूद इसके शहर समेत आसपास के क्षेत्रों में अवैध शराब का यह जहरीला कारोबार दिन व दिन अपने पैर पसार रहा है।

ऐसा नहीं की जिम्मेदारों को इसकी भनक नहीं है पिछले दिनों ही मीडिया के माध्यम से रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे एवं आबकारी आयुक्त श्रीमती वंदना पांडेय के पास अवैध शराब बिक्री के वीडियो फुटेज पर्याप्त मात्रा में भेजे गए हैं। इसके अलावा इस संबंध में क्राइम अगेंस्ट न्यूज़ ने “शराब में डूबता शहर” नामक शीर्षक के माध्यम से इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाकर कुम्भकर्णीय निंद्रा में सोये हुए जिम्मेदारों को जगाने का प्रयास किया था। बावजूद इसके शराब माफिया के बुलंद हौसले हैरान कर देने वाले हैं। जिसकी बानगी आज भी शहर समेत सामीपस्थ क्षेत्रों में मौजूद दर्जनों ठिकानों पर धड़ल्ले से बेची जा रही शराब के रूप में देखी जा सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नयापुरा पर स्थित दुकान मालिक गुंडा लिस्ट में नामधारी भाजपा का प्रभावशाली क्षेत्रीय नेता है । जिसके चलते आम आदमी खुलकर इनके कारनामों को उजागर करने से बचता है। यही वजह है कि वर्तमान शराब ठेकेदार अथवा शराब माफिया इसी तरह शहर समेत ग्रामीण अंचलों में अवैध शराब का कारोबार बेख़ौफ होकर करते दिखाई दे रहे हैं।

ऐसे में सर्वाधिक संदेह की भूमिका आबकारी विभाग व स्थानीय पुलिस की प्रतीत होती है। क्योंकि खुलेआम फलता-फूलता अवैध शराब का कारोबार अपने आप में जिम्मेदारों की लापरवाही या मिलीभगत की और इसारा करता है। यदि इनमें से दोनों कारणों को जिम्मेदार नकारते हैं तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि यह शराब माफिया इन जिम्मेदारों सहित जिला प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं।

ऐसे में अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि कुम्भकर्णीय निंद्रा से जागकर आबकारी विभाग के अधिकारी कभी बाहर आ भी पाएंगे या दफ्तरों में बैठकर ही कागजों पर समाज को गर्त में ले जाने वाले इन शराब माफियाओं पर नकेल कसने के जुमले दागते रहेंगे । देखना यह भी है कि शिवराज की लाड़ली बहनें उनके शराबी जीजाओं द्वारा घरेलू हिंसा का शिकार होती रहेंगी या फिर उनके अफसर उनकी बहनों के घरों को बर्बाद होने से बचाकर उनकी लाड़ली लक्ष्मी भांजियों व भांजों के भविष्य को सुनहरा बनाने में कामयाब होंगे ।

आबकारी की कार्रवाई अच्छी शुरुआत पर लोग बोले रश्म अदायगी :

हालांकि लगातार मीडिया रिपोर्ट्स के बाद हरकत में आये रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे के निर्देश पर अवैध शराब के विरुद्ध अभियान चलाये जाने की बात आबकारी उप निरीक्षक द्वारा कही जा रही है।आबकारी उप निरीक्षक, वृत्त औबेदुल्लागंज संजीव द्विवेदी की मानें तो इसी अभियान के तहत सहायक आबकारी आयुक्त श्रीमती वंदना पांडे के मार्गदर्शन में गुरुवार को मुखबिर की सूचना पर नयापुरा मंडीदीप में फ्लाइओवर के पास कार्रवाई की गई है। जिसमे आरोपी ऋषभ के कब्जे से 18 नग बोतल बियर (11.7 bl) तथा 12 पाव देसी मदिरा प्लेन (2.16 bl) जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 2580 रुपए है, को जप्त कर मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) के तहत प्रकरण कायम किया गया है। उल्लेखनीय है कि विगत 31 अगस्त को मण्डीदीप थाना प्रभारी के निर्देश पर पुलिस ने दबिश दी थी लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।

गुरुवार को नयापुरा में कार्रवाई करती आबकारी की टीम

बेशक आबकारी द्वारा नयापुरा में कार्रवाई करते हुए अभियान की शुरुआत अच्छी मानी जा रही है। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने इसे रश्म अदायगी करार दिया है। स्थानीय लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि नयापुरा स्थित इस इस ठिकाने के चर्चाओं में आने पर बिक्रय स्थल से मामूली शराब जप्त कर जिम्मेदारों द्वारा इतिश्री कर ली जाती है। जबकि गहन जांच कर भारी मात्रा में शराब रखे जाने वाले गोडाउन तक पहुंचा जाए तो अवैध शराब का चोंका देने वाला जखीरा हाथ लगने की प्रबल संभावना है।

अवैध शराब के बंद होने की जागी उम्मीद :

रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे के निर्देश व सहायक आबकारी आयुक्त श्रीमती वंदना पांडे के मार्गदर्शन में
अवैध शराब के विरुद्ध अभियान चलाये जाकर गुरुवार को की गई कार्रवाई से रहवासियों में एक बार फिर उम्मीद जागी है।आबकारी उप निरीक्षक, वृत्त औबेदुल्लागंज संजीव द्विवेदी की मानें तो निरंतर कार्रवाई कर इन अवैध ठिकानों को बंद कराकर अवैध शराब कारोबार पर नकेल कसी जाएगी।

5 बड़े सवाल :

  • अवैध शराब के ठिकानों पर दबिश से पहले ही आखिर शराब गायब कैसे हो जाती है?
  • पुलिस की पेट्रोलिंग के बावजूद आखिर यह कारोबार कैसे फलफूल रहा है?
  • मुखबरी और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद जागने वाले जिम्मेदार अपने कर्तव्यों का निर्वाहन स्वतः क्यों नहीं करते?
  • नियम-कायदों को ताक पर रखकर शराब ठेकेदार व शराब माफिया अपनी मनमानी में सफल क्यों?
  • जो अवैध शराब के ठिकाने आमजनों को भी आसानी से दिखाई देते हैं वह जिम्मेदारों की आँखों से ओझल क्यों?

इनका कहना :
“हमे सीधे या सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से जब भी किसी अवैध शराब बिक्रय अथवा विभाग से संबंधित किसी मामले की सूचना मिलती है तो बिना किसी पक्षपात के वैधानिक कार्रवाई की जाती है। गुरुवार को भी मण्डीदीप के नयापुरा से मदिरा जप्त कर प्रकरण कायम किया गया है l आगे भी ज्ञात होने पर कार्रवाई की जाएगी”

 

संजीव द्विवेदीआबकारी उप निरीक्षक, वृत्त ओबेदुल्लागंज

 

“हमारे द्वारा लगातार शराब के अवैध ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। जो आगे भी निरंतर जारी रहेगी शहर के हालातों में बदलाब लाने में वक़्त लग सकता है।”

सुरेश मीना , थाना प्रभारी-थाना मण्डीदीप

अनियंत्रित अवैध शराब कारोबार से अपराधों के बढ़ने की आशंका :

रात के वक़्त बस व ट्रक ड्राइवरों समेत अन्य वाहन चालकों को आसानी से हाइवे किनारे शराब मिल जाने से ड्रिंकिंग ड्राइव के मामलों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। इसके अलावा झगड़े व मारपीट की वारदातों की सदैव आशंका बनी रहती है। आबकारी और पुलिस विभाग को शराब के इस काले कारोबार की विस्तृत जानकारी होने के बावजूद भी शराब बिक्रय के इन अवैध ठिकानों पर रोकथाम के कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने के आरोप रहवासियों द्वारा लगाए जा रहे हैं।

कलेक्टर की चुप्पी से शराब माफियाओं के हौसले बुलंद :

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने शराब की खपत को कम करने की मंशा से राज्य में सभी अहातों को बंद करने का फैसला लिया था। इसी तरह अन्य तमाम प्रावधानों के जरिये शराब की खपत कम करने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन इसके उलट शिवराज की शराब खपत कम करने की मंशा को पलीता लगाते हुए बड़े पैमाने पर शराब की अवैध बिक्री कर पूरे शहर को अहातों में तब्दील कर शराब की खपत बढ़ाने के पुरजोर प्रयास शराब माफियाओं द्वारा किये जा रहे हैं। लेकिन इन सब की जानकारी के बावजूद जिला कलेक्टर अरविंद दुबे की चुप्पी से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सप्ताहभर पहले मामले की जानकारी लगने के बाद आज कार्रवाई किया जाना शराब माफियाओं के लिए अपने आप मे बचाव का अवसर साबित हुआ है। अब इसे जिला प्रशासन की अनदेखी कहें या फिर उन पर भारी पड़ते शराब माफियाओं का वर्चस्व। कारण जो भी हो लेकिन शराब के जहर से शहर का भविष्य गर्त में जाते हुए साफ देखा जा सकता है।

ठेकेदार ने की 24 घंटे शराब बेचने में मास्टरी :

माना जा रहा है कि मौजूदा शराब ठेकेदार ने 24 घंटे अनवरत शराब बेचने में मास्टरी हासिल कर ली है। जबकि यह पूर्णतया गैरकानूनी है। शराब ठेकेदार द्वारा तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर जिम्मेदारों की नाक के नीचे दिन-रात धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार इस बात से अनभिज्ञता व्यक्त करते हुए जाने-अनजाने उन्हें अवसर प्रदान करते हैं।

मदिरा दुकानों से बिक्री का समय :

मदिरा दुकानें प्रातः 8.30 बजे से खोलने का प्रावधान नई शराब नीति में है । किंतु प्रातः 8.30 बजे से प्रातः 9.30 बजे तक का समय मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों की साफ-सफाई तथा मदिरा के प्रारंभिक संग्रह, आमद, विक्रय एवं अंतिम संग्रह के दैनिक लेखे की पंजियों को पूर्ण/संधारित किये जाने के लिए है न कि शराब विक्रय के लिए क्योंकि नई शराब नीति में मदिरा विक्रय का समय प्रातः 9.30 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक निर्धारित है।


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